मात्र मन है || आचार्य प्रशान्त (2014)

2019-11-23 1

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१६ जनवरी २०१४
रमण महर्षि केंद्र, दिल्ली

प्रसंग:
मात्र मन है का क्या आशय है?
क्या हमलोग जो देखते है, सुनते है या कुछ और करते वो सब मन का प्रपंचंद है?
कैसे जाने की जो हम करते हैं वो होश में कर रहे है?
क्या सब मन का विस्तार है?
क्या मन ही मन को देख पता है?

संगीत: मिलिंद दाते